Tuesday 4 January 2022

फोटो प्रेम

 

मैंने किसी फिल्म का रिव्यू कभी नहीं लिखा। पर यदि आप इस समय सुरक्षित हैं और कोई फिल्म देखना चाहते हैं तो फोटो प्रेम ज़रूर देखनी चाहिए। यह एक मराठी फिल्म हैं और बहुत ही प्यारी आम सी कहानी है।
 

 
 
हम सब में किसी न किसी चीज़ को ले कर डर रहता है। वह न होता तो हम भगवान हो गए होते। पर हर डर किसी ऊँची पहाड़ी से छलांग लगा कर नहीं मिटता। मसलन किसी अनजान नंबर से आये फ़ोन पर बात करने का डर। कहने को कितनी छोटी सी बात है पर कई लोग इस तरह का डर पाले रहते हैं। इंसान अपने डर से जीत कर खुश होता है निश्चिंत होता है। असल मायने में निश्चिन्त - चिंता से मुक्त। बस ऐसे ही एक मामूली से डर पर विजय की कहानी है फोटो प्रेम।
यह बात अगर गंभीर लग रही हो तो जानिये कि कहानी मज़ेदार है, यानि मृत्यु की बात करते वक़्त भी आपको डराती नहीं बल्कि एक तथ्य बताती है और आप हँस रहे होते हैं।
 
सिनेमा की दृष्टि से अव्वल। एक हाउसवाइफ है, जो हाउसवाइफ लगती है। बारीकियों पर बहुत ध्यान दिया गया है फिल्म में। जैसे एक सीन में नायिका के हाथ की चूड़ियों में सेफ्टी पिन है, ठीक वैसे ही जैसे हमारे घर की महिलाएँ कभी गले की चैन में तो कभी हाथ के कंगन में लगा लेती है। एक सीन में ननद भाभी बैठ कर बातें कर रहे हैं। नायिका (भाभी) चाय बना रही है, मेरा ध्यान अचानक किचन पर जाता है, यह तो वह किचन नहीं जो शुरुआत में दिखाया गया? ओह! वह अपनी ननद के घर पर है। दोनों के लिए चाय बना रही है, और दोनों चाय पीते पीते बातें कर रहे हैं। मैं सोचती हूँ ऐसा भी क्या ज़रूरी था, ननद के घर पर भी भाभी का ही चाय बनाना, पर यही तो आम घरों की कहानी है जिसे फिल्म निर्माताओं ने बड़ी बारीकी से पकड़कर फिल्म में दिखाया है। गौर से न देखो तो आपका ध्यान उनकी बातों पर ही रहेगा। यानि कि आम ज़िंदगी बहुत गौण तरीके से दिखाई गयी है। इसका एक और उदाहरण है - नायिका और मिक्सर का प्रकरण जो बदलाव को लेकर मन में हो रही उठापटक को मुख्य कहानी के समानांतर ला कर बताता है। 
 
बहुत ही सीधी सी कहानी है फिर भी इसमें सब कुछ है। पड़ोसियों का प्यार, मेड का इधर की उधर करना - पर मुसीबत के समय काम आना, पति और बच्चों का अपने ही में खोया रहना, बातूनी और पाखंडी लोग, परिवार और उनमें प्रेम - सब कुछ। 
 
फिल्म के गाने भी बहुत ख़ूबसूरत हैं, मैंने तो सबटाइटल ही पढ़े हैं, मूल मराठी में वे और भी ख़ूबसूरत लगते होंगे निश्चित है। ऐसे गानों की ही हमें ज़रुरत है।
 
यह सच है कि आजकल रीजनल सिनेमा बहुत अच्छे विषयों को लेकर आ रही है। इसमें कोई दो-राय नहीं कि फोटो प्रेम उन बेहतरीन फिल्मों में से एक है।