जो भी पाया अधूरा ही पाया,
चाहे दोस्ती, प्यार या रिश्ते |
भर लेता है पेट पानी से, भूख से व्याकुल भिखारी
पर भीख में मिले थोड़े चावल खाकर
उसकी भूख बढ़ जाती है |
कमी जिलाती है,
अधूरापन पूरेपन की प्यास बढ़ाता है ||
29 May 2015.
चाहे दोस्ती, प्यार या रिश्ते |
भर लेता है पेट पानी से, भूख से व्याकुल भिखारी
पर भीख में मिले थोड़े चावल खाकर
उसकी भूख बढ़ जाती है |
कमी जिलाती है,
अधूरापन पूरेपन की प्यास बढ़ाता है ||
29 May 2015.
No comments:
Post a Comment